उत्तराखंड से होश उड़ाने वाला मंजर; धारचूला-तवाघाट नेशनल हाईवे पर भीषण लैंडस्लाइड, भरभराकर गिरा पहाड़, दर्जनों लोग और वाहन फंसे
Uttarakhand Tawaghat-Dharchula Highway Massive Landslide Video
Uttarakhand Landslide: उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में भीषण लैंडस्लाइड से अफरा-तफरी मच गई. दरअसल, यहां धारचूला-तवाघाट नेशनल हाइवे पर अचानक एक पहाड़ दरक गया। जिसके बाद पहाड़ का भारी मलबा भरभराकर नीचे हाईवे पर आ गिरा। गनीमत रही कि, इस घटना के दौरान वहां कोई मौजूद नहीं था। जहां पहाड़ का मलबा आकर गिरा। वहां आसपास मौजूद लोगों ने समय रहते दूरी बना ली और भागकर अपनी जान बचाई। लोगों में अफरा-तफरी देखी गई।
हाईवे पर दर्जनों लोग और वाहन फंसे
बहराल, राहत की बात यही है कि, इस भीषण लैंडस्लाइड में कोई हताहत या घायल नहीं हुआ। आज एक बहुत बड़ी घटना टल गई। क्योंकि इस रोजाना बड़ी संख्या में वाहन गुजरते हैं। ये हाईवे चीन बॉर्डर को भी जोड़ता है। फिलहाल लैंडस्लाइड के चलते पहाड़ गिरने से नेशनल हाईवे का रास्ता बंद हो गया है। हाईवे के दोनों तरफ दर्जनों लोग अपने वाहनों के साथ फंसे हुए हैं। लोगों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। जिन्हें निकालने के लिए रास्ता क्लियर करने की कोशिश की जा रही है।
लैंडस्लाइड के बाद चक्रवात जैसा गुबार देर तक उठता रहा
हाईवे पर इस भयानक लैंडस्लाइड को लोगों ने कैमरे में कैद किया है। जिसका वीडियो सामने आया है। वीडियो में दिखता है कि, काफी ऊंचाई से पहाड़ टूटता हुआ नीचे की तरफ आ रहा है। वहीं जैसे पहाड़ का मलबा नीचे आता है और खाई में गिरने की तरफ बढ़ता है तो इस दौरान लैंडस्लाइड का गुबार कुछ इस तरह दिखता है जैसे कोई चक्रवात उठ रहा हो, या फिर कहीं भयानक आग के बाद उठते धुएँ का गुबार या ऐसे भी जैसे बम विस्फोट के बाद का सीन हो। फिलहाल, सब कुछ बेहद डरावना था।
CM धामी ने घटना की जानकारी ली
उत्तराखंड सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना के बारे में जानकारी ली है और आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सीएम ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा- ''पिथौरागढ़ जिले के तवाघाट-धारचूला नेशनल हाइवे पर हुई लैंड स्लाइड से यातायात प्रभावित होने की सूचना मिली है। राहत की खबर है कि किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई है। मलबे को हटाने के लिए त्वरित कदम उठाए जाने के साथ जिला प्रशासन व संबंधित अधिकारियों को जल्द से जल्द मार्ग को खोलने के निर्देश दिए हैं।''
अब तो बारिश का मौसम भी नहीं...
आमतौर पर मॉनसून के मौसम में भारी बारिश के बीच उत्तराखंड में लैंडस्लाइड की घटनाएं बढ़ जाती हैं। राज्य के अलग-अलग हिस्सों में लगातार पहाड़ दरकते और सरकते हुए दिखते हैं। वहीं पहाड़ो के गिरने से हादसों की स्थिति भी पैदा होती है। सड़कों से सटे पहाड़ जब टूटते हैं तो आकर रास्तों पर ही गिरते हैं जिससे यहां से आवागमन कर रहे लोगों की जान पर खतरा पैदा हो जाता है।
उत्तराखंड में बढ़ती जा रहीं लैंडस्लाइड की घटनाएं
बहराल उत्तराखंड में लैंडस्लाइड की घटनाएं बढ़ती जा रहीं हैं। पिछले साल भी इन दिनों उत्तराखंड से लैंडस्लाइड की कई घटनाएं सामने आती थीं। उत्तराखंड में इस प्रकार की स्थिति लगातार चिंताजनक और खतरनाक है। इस ओर चेतना होगा और प्रकृति के अनुकूल कदम उठाने होंगे। हमें यह देखना चाहिए और सोचना चाहिए कि हम पहाड़ों के साथ क्या कर रहे हैं।
मसलन, पहाड़ों के कटाव पर सड़कें, हाईवे बनाने और विकास लिए पहाड़ों पर बढ़ती मशीनरी गतिविधियां हमें विनाश तक ले जा सकती हैं। वहीं लैंडस्लाइड की घटनाओं के और भी कई कारण हो सकते हैं। जिन पर ध्यान देने की जरूरत है।
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